IPO GMP, Latest IPO Grey Market Premium & Kostak Rates Today

IPO GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) | आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या होता है? IPO GMP LIVE -

www.ipobiz.in

Live IPO GMP (Grey Market Premium)  Rates Today

IPO GMP TABLE 

IPO GMP
status IPO.....Name PRICE GMP GAIN LISTING
close Transrail Lighting 100 25 125(25%) 2 jan
close Transrail Lighting 100 25 125(25%) 2 jan
close Transrail Lighting 100 25 125(25%) 2 jan
close Transrail Lighting 100 25 125(25%) 2 jan

आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम (IPO GMP) क्या है?

IPO GMP या ग्रे मार्केट प्रीमियम का अर्थ उस मूल्य से है, जो किसी आईपीओ के लिए अनऑफिशियल बाजार में तय होता है। यह बाजार मांग और निवेशकों की धारणा को दर्शाता है।

आईपीओ जीएमपी या (आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम) तात्पर्य जो आईपीओ खुला है उसका उपरी प्राइस बैंड और आईपीओ ग्रे मार्केट जो मूल्य चल है उन दोनों के अंतर को ही आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम कहते है, जब भी कोई आईपीओ BSE, NSE पर लिस्टिंग के लिए आता है उससे पहले एक निश्चित समय अवधि होती है, जिसमे कोई भी निवेशक आईपीओ के लिये अप्लाई कर सकता है , किन्तु इसी दौरान UNORGANISED या unofficial market में आईपीओ के बिना स्टॉक एक्सचेंजों के ही आईपीओ शेयर ख़रीदे और बेचे जाते है.

आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम (आईपीओ जीएमपी) कोई कंपनी प्राइमरी मार्केट में जब आईपीओ लेकर आती हे तो अपना प्राइस बैंड रखती है, और प्राइस बैंड और बाजार में मांग के आधार पर ऑफिशियल मार्केट में उस कंपनी के शेयर की मांग के आधार पर उसका ग्रे मार्केट प्रीमियम तय होता है ग्रे मार्केट प्रीमियम प्राइज बैंक के ऊपर होने पर अच्छा माना जाता है उन नीचे होने पर खराब माना जाता है। आईपीओ जीएमपी एक्सचेंज पर लिस्ट होने के पूर्व निवेशकों की भावना वह को समझने के लिए एक इंडिकेटर की तरह काम करता है कि उस शेयर के प्रति निवेश कितने उत्साहित हैं। अगर किसी आईपीओ शेयर ग्रे मार्केट में प्रीमियम ट्रेंड कर रहे हैं तो संभावना है कि लिस्टिंग पर वह आईपीओ प्रीमियम पर लिस्ट होगा या अधिक प्राइस पर लिस्ट होगा। और अगर किसी आईपीओ का ग्रह मार्केट में प्रीमियम नेगेटिव है तो संभावना है कि वह डिस्काउंट पर लिस्ट होगा। मगर फिर भी यहां महत्वपूर्ण बात यहां है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर हमेशा शेयर ग्रे मार्केट कीमत के अनुसार ही इसका एक्सचेंज पर लिस्ट हो यह उस दिन लिस्टिंग पर शेयर की मांग और शेयर बाजार का ट्रेंड और दूसरे पहलूओं से आईपीओ की लिस्ट इन प्रभावित होती हे आईपीओ का साइज कम होने पर कई बड़े खिलाडी लिस्टिंग पर उसकी लिस्टिंग प्रभावित कर सकते हैं। लिस्टिंग पर बड़े निवेशकों द्वारा खरीदी और बिकवाली का लिस्टिंग पर बडा प्रभाव पड़ता है। फिर भी हम कहां सकते हैं कि आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर ही कई निवेश आईपीओ में निवेश करते हैं।

आईपीओ जीएमपी आईपीओ के प्रति बाजार इस बात का संकेत है कि जीएमपी पॉजिटिव या प्रीमियम पर है तो यह आईपीओ प्राइस से ज्यादा कीमत को दर्शाता है और इसे पता चलता है कि आईपीओ की मांग अच्छी हैं जबकि इसके विपरीत जीएमपी नेगेटिव या डिस्काउंट पर ट्रेंड कर रहा है तु आईपीओ प्राइस से नीचे की कीमत को दर्शाता है और इससे पता चलता है कि आईपीओ की मांग कम है।

आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम को हमे को धारण से भी समझ सकते हैं , और यहां अनुमान लगा सकते हैं कि कोई आईपीओ की अनुमानित लिस्टिंग कैसे हो सकती है- चलो देखते हैं कि आईपीओ जीएमपी लिस्टिंग कैसे होगी, माना कि कोई कंपनी अपना आईपीओ 100 रुपए की कीमत पर लाती है, और ग्रे मार्केट प्रीमियम में उस कंपनी के आईपीओ को ₹30 का जीएमपी मिल रहा है तो उस कंपनी का आईपीओ अनुमान के आधार पर 130 पर लिस्ट होगा और लिस्टिंग पर 30 प्रतिशत का लिस्टिंग लाभ प्राप्त होगा।

यहां एक अनुमानित आईपीओ लिस्टिंग की गणना है मगर बाजार की स्थितियों एवं कंपनी के शेयर के मान के आधार पर लिस्टिंग अलग भी हो सकती है इतिहास में हम देखेंगे कि कहीं आईपीओ जीएमपी से अधिक प्रीमियम पर एक्सचेंज ऑफर लिस्ट हुए, और यह भी देखा गया कि ग्रे मार्केट प्रीमियम तो अधिक था मगर लिस्टिंग डिस्काउंट फर हुई। निवेशकों को ग्रे मार्केट प्रीमियम को सिर्फ एक इंडिकेटर के रूप में ही लेना चाहिए और कंपनी के आईपीओ का अच्छे से अध्यन करने के उपरांत ही आईपीओ में अप्लाई करना चाहिए।

ग्रे मार्केट प्रीमियम क्या है?

What is Grey Market Premium? आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम (आईपीओ जीएमपी)

आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम (आईपीओ जीएमपी) से तात्पर्य उसे प्रीमियम या उसे कीमत से लिया जाता है जो कोई कंपनी आईपीओ लाती है और लिस्टिंग से पहले ही उसकी अनोर्गनाइज्ड सेक्टर या अनऑफिशियल सेक्टर में उसके सौदे तय होने लगते हैं अगर यह सौदे उसकी आईपीओ कीमत से अधिक मूल्य के हैं तो कंपनी को बाजार प्रीमियम दे रहा है अर्थात उसका जीएमपी अधिक होगा इसके विपरीत अगर आईपीओ बाजार में कंपनी की कीमत उसके आईपीओ मूल्य से कम लगाई जा रही है तो इसका मतलब यह है की आईपीओ डिस्काउंट पर लिस्ट हो सकता है।

यह वह कीमत होती है जो लिस्टिंग से पूर्व उसकी आईपीओ प्राइस के अंतर को बताती है। आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम एक संभावित मूल्य को बताता है जिस पर कोई शेयर लिस्ट होने की संभावना रखता है

आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम कि अगर बात की जाए तो आईपीओ बाजार से निवेशक इस बात की जानकारी प्राप्त करते हैं कि कोई भी कंपनी क्या कीमत चाहती है और बाजार उसको क्या कीमत देता है साथ है आईपीओ निवेदक स्टॉक एक्सचेंज जो पर लिस्ट होने से पूर्व आईपीओ में इसलिए अप्लाई करते हैं कि वह उसके आईपीओ जीएमपी को देखकर लिस्टिंग पर लाभ कमा सके। आईपीओ जीएमपी किसी कंपनी का संभावित आईपीओ प्राइस मूल्य तय होने के बाद और लिस्ट होने के पूर्व तक काम करता है। और इस बाजार में अनौपचारिक रूप से आईपीओ आवेदनों का लेनदेन होता है।

आईपीओ जीएमपी पूर्ण रूप से सती के या विश्वसनीय नहीं होता हर बार लिस्टिंग पर जीएमपी के आधार पर कंपनी लिस्ट नहीं होती कहीं बार यह अनुमान गलत भी हो जाते हैं आईपीओ गणना की बात हम पहले भी कर चुके हैं कोई कंपनी₹100 कीमत पर आईपीओ लाती हैं और उसका जीएमपी ₹25 चल रहा है तो उसकी लिस्टिंग ₹ 125 पर संभावित मानी जाती है, मगर यह कई बार सटीक नहीं होता जीएमपी से लेकर लिस्टिंग तक बाजार की दशाएं और खबरें भी लिस्टिंग प्राइस और जीएमपी में अंतर पैदा करती है। और कई बार यह आईपीओ जीएमपी के अनुरूप ही लिस्ट होती हैं।

ग्रे मार्केट प्रीमियम या आईपीओ जीएमपी एक निर्देशक या सूचकांक है जो यह बताता है कि कोई शेयर किस मूल्य पर संभावित लिस्ट हो सकता है।

आईपीओ जीएमपी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु जिन विचार किया जाना चाहिए :

IPO GMP: Important Points before apply

  • आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम पूरी तरह से unorganised या unofficial मार्केट हैं, निवेशक और स्टॉक ब्रोकर आपस में विश्वास के आधार पर दोनों पक्ष खरीदी बिक्री करते हैं।
  • आईपीओ जीएमपी कितना होगा यह मार्केट रिसर्च और स्पेशलिस्ट विशेषज्ञ के आधार पर तय करते हैं।
  • ग्रे मार्केट भारत में अवैध है और यह किसी शासकीय संस्था द्वारा नियंत्रित भी नहीं है अतः ग्रे मार्केट में निवेश या इसके आधार पर निवेश की हमारी कोई राय नहीं है।
  • आईपीओ में निवेश हमेशा आईपीओ से पूर्व कंपनियों द्वारा दी गई महत्वपूर्ण जानकारी को ध्यान में रखकर कंपनी का कारोबार और उसकी वित्तीय जानकारी के बाद ही वित्तीय सलाहकार से सलाह लेकर ही निवेश करना चाहिए।
  • कोस्टा रेट के प्रीमियम की अगर बात करें यह वह आवंटन है जो आईपीओ आवेदन के पहले ही किसी को बेच दिया जाता है यह लेनदेन ऑफ मार्केट में होता है।

आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम को निर्धारित करने वाली महत्वपूर्ण बातें कौन सी हैं?

आईपीओ जीएमपी को निर्धारित / प्रभावित करने वाली महत्वपूर्ण बातें हैं:-

  • • जो कंपनी आईपीओ ला रहे हैं वह फंडामेंटल कितने मजबूत है उसकी बैलेंस शीट और कैसे की स्थिति भविष्य में विस्तार और विकास की संभावना साथ है प्रतिष्ठित प्रमोटर ग्रुप और मैनेजमेंट का भी आईपीओ के जीएमपी पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
  • • बाजार का ट्रेंड और समकालीन आईपीओ का प्रदर्शन और जिस भी क्षेत्र में कंपनी काम करती है, उस क्षेत्र का प्रदर्शन तथा आईपीओ के प्रति निवेशकों का रुख भी आईपीओ जीएमपी को निर्धारित या प्रभावित करता है।
  • • आईपीओ जीएमपी ग्रे मार्केट प्रीमियम आईपीओ का साइज, कंपनी का मार्केट साइज, शेयर का प्राइस, फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल, प्रमोटर होल्डिंग परसेंटेज, कंपनी का पीई रेशियों आदि बातों से भी ग्रे मार्केट प्रीमियम प्रभावित होता है।
  • • ग्रे मार्केट प्रीमियम एंकर इन्वेस्टर , एंजल इन्वेस्टर या शेयर बाजार के दिग्गज निवेदकों या संस्थाओं द्वारा निवेशित होने पर भी ग्रे मार्केट प्रीमियम प्रभावित होता है।
  • • आईपीओ लाने वाली कंपनी किसी प्रतिष्ठित व्यापारी किया औद्योगिक ग्रुप या घराने की होने से भी ग्रे मार्केट प्रीमियम प्रभावित होता है।
  • • ग्रे मार्केट प्रीमियम या आईपीओ लाने वाली कंपनी अगर सस्ते मूल्य पर आईपीओ ला रही है तो उससे भी ग्रे मार्केट प्रीमियम पर असर पड़ता है।
  • • ग्रे मार्केट प्रीमियम या आईपीओ जीएमपी बाजार मोनोपोली या यूनिक बिजनेस मॉडल पर काम करने वाली कंपनियों को प्रीमियम देता है।
  • • ग्रे मार्केट प्रीमियम एंकर बुक और QIB सब्सक्रिप्शन से भी प्रभावित होता है।
  • कोस्टक दर क्या है?

    What is Kostak Rate?

    आईपीओ बाजार में कोस्टक दर की बात करें तो यह वह राशि है जो कोई आईपीओ एक्सचेंजों पर लिस्ट होने से पहले आईपीओ आवेदक और उनके क्रेताओं के बीच के ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर होती है। इसमें एक पक्ष आवेदकों की एप्लीकेशन खरीद कर उनका भुगतान करता है।

    लाभ तय करके कोष्टक बाजार में कोस्टक दरों पर कोई भी आवेदक अपनी पूरी एप्लीकेशन खरीद और भेज सकता है और यह सौदे अधिकतर ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर ही तय होते हैं यह कोस्टा दरें लागू होने पर भुगतान अग्रिम किया जाता है , आईपीओ एप्लीकेशन में आवंटन मिले या ना मिले।

    कोस्टक रेट को उदाहरण के साथ समझा जा सकता है - यदि कोई एक आईपीओ निवेदक चार आवेदन करता है और प्रत्येक आवेदन को वह ग्रे मार्केट प्रीमियम को ध्यान में रखकर प्रत्येक आवेदन₹1500 प्रति आवेदन पर भेज देता है तो उसे चार आईपीओ आवेदन पर₹6000 निश्चित रूप से प्राप्त हो जाएंगे अब उसे मान लो की दो ही आवेदनों पर अलॉटमेंट हुआ है तब भी उसको ₹6000 सुरक्षित और निश्चित रूप से मिलेंगे जब आईपीओ की एक्सचेंज पर लिस्टिंग होगी तब मानो की दो आवेदन पर ₹10000 का लाभ प्राप्त हुआ तो ऊपर के ₹4000 वह जिसको सौदा बचा है उसको दे देगा।

    Subject to Sauda क्या है?

    Subject to Sauda कोस्टक दर के अनुसार उसे राशि से लिया जाता है जो आईपीओ आवेदन अप्लाई करने के बाद आईपीओ अलॉटमेंट एप्लीकेशंस की संख्या पर सौदा तय होता है। ध्यान रहे कि यहां पर सौदा आईपीओ आवेदनों की संख्या पर नहीं बल्कि आईपीओ एलॉटमेंट की संख्या के आधार पर होता है। आईपीओ एलॉटमेंट के आधार पर ही सब्जेक्ट टू सौदा का भुगतान किया जाता है।

    Subject to Sauda कोस्टक दर इसको हम उदाहरण से समझ सकते हैं - अगर किसी आईपीओ निवेशक को आईपीओ का अलॉटमेंट मिलता है और उसने सब्जेक्ट तू सौदा कोष्टक दर पर उसे ₹5000 में बेच दिया है तो लिस्टिंग के दिन अगर उसे ₹10000 का लाभ होता है तो ₹5000 का उसे खरीदने वाले को भुगतान करना पड़ेगा।

    ग्रे मार्केट प्रीमियम का कैलकुलेशन कैसे करें?

    आईपीओ जीएमपी ग्रामर मार्केट प्रीमियम की गणना को उदाहरण के साथ हम समझ सकते हैं अगर इसकी गणना करनी है तो किसी आईपीओ की कीमत अगर ₹100 तय की गई है और ग्रे मार्केट में उसे₹50 का प्रीमियम मिल रहा है तो इसकी संभावना यह है कि यह ₹150 पर एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकता है अर्थात 50% प्रीमियम पर पर प्रत्येक शेयर पर ₹50 का लाभ मिल रहा है मगर वास्तविक लाभ की गणना एक्सचेंज पर लिस्टिंग के बाद ही पता होती है ग्रे मार्केट प्रीमियम या आईपीओ जीएमपी संभावित मूल्य वृद्धि को बताता है।

    क्या ग्रे मार्केट सुरक्षित हैं?

    ग्रे मार्केट सुरक्षित है या नहीं यह ग्रे मार्केट में ट्रेडिंग करने वाले के अपने जोखिम पर निर्भर करता है क्योंकि ग्रे मार्केट बाजार अनऑफिशियल होता है इस पर कोई सरकारी संस्था का नियंत्रण नहीं होता यहां भारी उतार-चढ़ाव रहता है जिससे जोखिम भी काफी अधिक होता है इसमें बड़ी सावधानी के साथ ही ट्रेड करना चाहिए, हम इसमें ट्रेड करने का कोई सुझाव नहीं देते।

    ग्रे मार्केट में आईपीओ एप्लिकेशन कैसे खरीदते और बेचते हैं ?

    ग्रे मार्केट में आईपीओ एप्लीकेशन खरीदने बेचने के लिए स्थानीय स्तर पर संतों के माध्यम से एप्लीकेशन को खरीदा और बचा जा सकता है इसके लिए दोनों पक्षों को ढूंढना और दोनों पक्षों में सौदे तय होना जरूरी है यह सौदे विश्वास के आधार पर तय किए जाते हैं, एजेंट आईपीओ क्रेता और विक्रेता के बीच सौदे तय करवाता है यह सौदा ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर तय होते हैं।

    आईपीओ जीएमपी का कितना महत्व है -

    ग्रे मार्केट प्रीमियम या आईपीओ जीएमपी निवेशकों को काफी प्रभावित करता है आईपीओ जीएमपी के आधार पर ही किसी कंपनी के आईपीओ में आवेदन के लिए निवेदक प्रभावित होते हैं और लिस्टिंग गेन को प्राप्त करने के लिए आईपीओ में आवेदन करते हैं। आईपीओ जीएमपी के आधार पर आईपीओ में आवेदकों की संख्या घटती बढ़ती है जीएमपी अगर अधिक है तो आवेदनों की संख्या भी बढ़ जाएगी क्योंकि निवेदक आईपीओ से अधिक लाभ आशा रखते हैं।

    IPO GMP कैसे तय होता है?

    • कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और ब्रांड वैल्यू
    • बाजार की मौजूदा स्थिति और निवेशकों की प्रतिक्रिया
    • अन्य हालिया आईपीओ का प्रदर्शन
    • ग्रे मार्केट में डिमांड-सप्लाई का संतुलन

    IPO GMP का गणना कैसे करें?

    यदि किसी आईपीओ का इश्यू प्राइस ₹100 है और उसका GMP ₹30 चल रहा है, तो इसकी संभावित लिस्टिंग कीमत ₹130 हो सकती है।

    क्या ग्रे मार्केट सुरक्षित है?

    ग्रे मार्केट अनऑफिशियल होता है और किसी सरकारी संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं होता, जिससे इसमें जोखिम अधिक रहता है।

    IPO GMP और Kostak Rate क्या है?

    Kostak Rate वह राशि होती है, जो आईपीओ एप्लीकेशन को प्रीमियम पर बेचने के लिए मिलती है।

    निवेशकों के लिए सुझाव

    IPO GMP केवल एक संकेतक है। निवेश करने से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति और बाजार की स्थिति का सही से विश्लेषण करें।

    नवीनतम IPO GMP जानकारी

    नवीनतम IPO GMP और Kostak Rates के लिए IPO Biz पर विजिट करें।

     IPO GMP and Grey Market Premium FAQs:

    आईपीओ जीएमपी क्या है?

    आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम किसी आईपीओ शेयर के उसे संभावित मूल्य को बताती है जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने से पहले उसकी मांग पर निर्भर करता है।

    क्या आईपीओ जीएमपी पर किसी आईपीओ की लिस्टिंग होती है?

    आईपीओ जीएमपी के आधार पर किसी आईपीओ की लिस्टिंग सटीकता के साथ तो पूर्ण रूप से संभव नहीं हो पाती किंतु अधिकांश समय ग्रे मार्केट प्रीमियम के आधार पर आईपीओ की लिस्टिंग संभावित मूल्य के आसपास होती है।

    ग्रे मार्केट में आईपीओ जीएमपी की गणना कैसे करें ?

    आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम मैं आईपीओ जीएमपी की गणना को आईपीओ मूल्य में अंतर के आधार पर इसकी गणना की जा सकती है किसी आईपीओ की कीमत ₹100 है और उसे पर आईपीओ जीएमपी ₹20 चल रहा है तो वह संभावित रूप से ₹120 पर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो सकता है और आवेदक को₹20 का लाभ हो सकता है।

    क्या जीएमपी के आधार पर निवेश करना चाहिए है?

    ग्रे मार्केट प्रीमियम या आईपीओ जीएमपी के आधार पर ही किसी निवेशक को निवेश करना नहीं चाहिए बल्कि साथ में कंपनी की विभिन्न बातें और वित्तीय प्रदर्शन कंपनी के प्रमोटर भविष्य की विकास और विस्तार की योजनाओं और कंपनी की वस्तु की मांग के आधार पर ही निवेश करना चाहिए।

    ग्रे मार्केट प्रीमियम के अलावा अन्य किन मेट्रिक्स पर विचार किया जाना चाहिए?

    आईपीओ जीएमपी ग्रे मार्केट प्रीमियम के अलावा निवेशकों को अन्य बातों पर भी ध्यान देना चाहिए जैसे कि बाजार का मूड माहौल और कंपनी की वित्तीय स्थिति तथा भविष्य की योजनाएं और बाजार में कंपनी के वस्तु का मूल्य मांग आदि का ध्यान रखना चाहिए।

    ग्रे मार्केट में कोस्टक रेट क्या है ?

    ग्रे मार्केट में कोस्टक रेट से तात्पर्य है कि आईपीओ आवेदक अपने आवेदनों को पहले ही एक निश्चित मूल्य पर बाजार में बेच देता है।

    Subject to Sauda क्या है?

    सब्जेक्ट टू सौदा आईपीओ एलॉटमेंट एप्लीकेशन पर सौदा तय किए जाते हैं एक निश्चित मूल्य का भुगतान किया जाता है और लाभ क्रेता को दे दिया जाता है।

    आईपीओ जीएमपी या ग्रे मार्केट प्रीमियम कैसे और कहां देखें ?

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ